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Tuesday, August 09, 2016

India's Northeast Is Unsettled Territory For Democracy

Iron Lady of Manipur breaks fast, wants to be CM 

The Muslims are not in the mainstream. The Dalits are not in the mainstream. The women are not in the mainstream. The people in the South are not in the mainstream. And the people in the Northeast are not in the mainstream.

So who runs India? India remains a fundamentally flawed democracy. Vast swathes of the population stays marginalized. Is India even a democracy?

Wednesday, June 29, 2016

स्वामी का बाभनवाद

स्वामी बाभन है। सत्ताधारी कोई भी हो वो सता के नजदीक पहुंच ही जाता है। चाहे इन्दिरा गांधी हो या मोदी।

रघुराम राजन को तन्ग किया तो राजन आउट। राजन आउट तो जेटली पर हमला शुरू। लोगो ने प्रश्न किया तो स्वामी का पोस्चर था कि मैं मोदी का आदमी, मेरा मोदी और अमित शाह से सीधे बात होता है। तो लोगों को शन्का हुआ। मोदी से सीधा बात करने वाले तो जेटली, ये फिर मलाई में मक्खी कौन?

राजन के विरुद्ध मीडिया क्याम्पेन करने की कोई जरूरत नहीं थी। राजनीतिक रूप से घटिया कदम था। जो स्वामी ने लिया। केंद्रीय बैंक के गवर्नर के कार्यकाल को और समय देना न देना प्रधानमंत्री के अधिकार की बात है और वो बात सब को मालूम है, राजन को भी मालूम है।

राजन मेरीट वाले लोग हैं। वो दुनिया के किसी भी देश का केंद्रीय बैंक या वित्त मंत्रालय चला सकते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत नहीं। कान का डाक्टर हड्डियों के भी डाक्टर हो ये जरूरी नहीं।

राजन को लगा मोदी हिन्ट दे रहे हैं स्वामी के मार्फत। गलत लगा। स्वामी जैसे लोगों का कोई बौस नहीं होता। बगैर लगाम का घोड़ा।

इतना बड़ा देश, राजन के अलावे और कोई चला ही नहीं सकता ऐसी बात नहीं। लेकिन जो दो चार नाम सामने आए हैं वो राजन के लेवल के नहीं।

केन्द्रीय बैंक के गवर्नर का कोई पार्टी नहीं होता। अमेरिका में था बन्दा एलेन ग्रीनस्पान। रिपब्लिकन पार्टी ने पद पर लाया, डेमोक्रेटिक पार्टी के बिल क्लिंटन ने पद पर कायम रखा। मार्केट को अच्छा सन्देश गया।

राजन का कोई पार्टी नहीं है। राजन जैसे लोगों का कोई पार्टी नहीं होता। राजन को पद पर कायम रखना मोदी के हित में है।

राजन को भी इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा कहीं। विश्व इतिहास में नाम दर्ज कराने का और कोई मौका मिलेगा क्या? प्रोफेसर को कौन जानता है?

हमला बोल दिया स्वामी ने। राजन को लगा मोदी की आवाज है। इस लिए मैं बोला राजन प्रधानमंत्री बनने के काबिल नहीं है। इतना भी पता नहीं चला कि हमलावर कौन है।

स्वामी ही तो समस्या है मोदी का। सारे दुनिया में, अमेरिका में मोदी का डन्का बजता है लेकिन छोटा-सा देश नेपाल। मोदी के नाक में पानी कर के रखा है। आखिर क्यों?

बाभनवाद।

मोदी तेली है, बाभन नहीं। बस। इतनी सी बात है काठमाण्डु में। देश तबाह हो जाए मन्जुर लेकिन मोदी को नीचा दिखाना है।

ओली रावण है, रावण के तरह बाभन है। रावण, स्वामी और ओली तीनों का नस्ल एक।

10 करोड़ बाभन परमेश्वर और आम जनता के बीच में बैठे हैं। कैसे आगे बढ़ेगा देश? घर में आते हैं, मुर्ति पुजा करते हैं, ऐसे किताब पढते हैं जो न खुद समझते हैं न जनता को समझ आती है। दक्षिणा में पैसा ले जाते हैं। दलित को मन्दिर में घुसने नहीं देते। आम जनता को परमेश्वर से अलग रखना शैतान का काम है।

राजनीति में पुराना नियम है Follow The Money.

भारत के अर्थतंत्र का जो सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर है small business sector उसको डिसमिस कर दिया जाता है informal sector कह के। यही तो रोना है। बहुत सोची-समझी साजिश है। ताकि बैंक लोन सिर्फ बड़े बड़े उद्योगपति को मिले। लोन ले लेते हैं और पैसा वापस नहीं करते। जनता तबाह। हाइ लेवल की डकैती।

तो राजन हलवा टाइट करने में लगे थे। तो अखड गये होंगे दो चार। तो क्याम्पेन शुरू। मिडिया में बदनाम करो राजन को।

जिस तरह सबको आईडी दिया जा रहा है उसी तरह देश के प्रत्येक बिजनेस को रजिस्टर्ड करो। ताकि सब लोन ले सके।

I was open to extension to complete unfinished work: Rajan
I have never been an inflation nutter, says Rajan


Sunday, February 28, 2016

Kathmandu And Jerusalem

Kathmandu And Jerusalem

Jerusalem is where three major world religions meet: Judaism, Islam, Christianity. A lot of people don’t see it that way, but Kathmandu is its own kind of Jerusalem. Two major world religions meet in Kathmandu. Buddhism and Hinduism. Jerusalem is also easier to understand because people not getting along is as obvious as can be. In Kathmandu outwardly Hinduism and Buddhism co-exist like no two religions anywhere on the planet. But do they really? Buddhism is an egalitarian religion. All human beings are not only equal, there is no other way possible. Hinduism and its caste system are not one and the same, but by now who can tell the difference? They co-exist like meat and bone. The caste hierarchy is like a body organ to a Bramhin. Preaching egalitarian thoughts is quite literally blasphemy. What makes things more complicated is the agitating Madhesis did not become Buddhist just like Jews did not become Christian, although Buddha was born one of their own. The agitating Madhesis are caste people and the top leaders of the movement don’t get along because they are from different caste backgrounds. Otherwise the political agenda is the same, and there are not really any major personality clashes. So the Brahmins in Kathmandu say, if I don’t have to even explain this to you, since you are big on caste yourself, how hard is it for you to understand that I have decided upon a second class citizenship for you? How is that any different from the caste system both you and I agree with anyways? Not only two major world religions meet in Kathmandu, two other are right at the heels. Islam is not small in the Madhesh, and Christianity is the fastest growing religion in Nepal, giving the Brahmins nightmares, like Islam is the fastest growing religion in America, and for the same reason. The oppressed are walking out in both places.

Kathmandu is home to two major world religions who are at peace but can not really be because the two social structures are like metal and glass. And Kathmandu, or rather Nepal, is a confluence of five major world civilizations. That there is no civil war is a miracle. The religions might take some of the credit. Because it’s not literacy, it’s not the per capita income, it’s not roads, it’s not bridges.

Maybe there will be peace in Kathmandu, and the same peace template can then be taken over to Jerusalem. Via Kashmir.

For now the question circulating around in Kathmandu is, if the Madhesis don’t have problems with the caste system, why do they have problems with being second class citizens?

India and China have both avoided micro interferences in Nepal not because they fear Nepal -- it is a small country -- but because they fear Jerusalem. Every major power in modern history has thrown the kitchen sink at Jerusalem, and it has stayed intractable. Both India and China stay informed, but the level of micro management that Delhi gets accused of in Kathmandu, if there is truth to it, Delhi has the most efficient bureaucracy on the planet.

The Muslims Did Not Invade India

The Muslims Did Not Invade India

The Hindus, or some of them, broke the Hindu society through a forceful imposition of the caste system. They did such a thorough job for a few hundred years, that they were basically begging to be invaded. There was nothing to invade. You just had to walk in. The Hindu society was so broken up.

The caste system is still intact today. The Hindus could still get invaded by the Americans and the Chinese. Only the creation of a casteless Hinduism will give India the backbone to stand firm. The creation of a casteless Hinduism should be the top project of the RSS. Hire a hundred poets to come up with Bachchan like last names. And “convert.” Get people to adopt these new last names.

Otherwise FlipKart is already owned 80% by non Indian investors. That is the new East India Company knocking at the door. It is already inside the house. The Americans and the Chinese are just waiting to swoop in through the digital doors. You could keep your borders and your army and still get hollowed out. So dangerous is the Hindu caste system. Buddhism is egalitarian. Mass conversion to Buddhism might be another option.

Thursday, December 24, 2015

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

रावण अपने युगका सबसे बड़ा ज्ञाता था, the most learned man alive. वेद पुराण उसको सब मालुम था, पन्ना पन्ना। इस बातका खुद रामको एहसास था। रावण के सामने वाल्मिकी कुछ नहीं। लेकिन दोनों थे सनातनी। एक ही गैंग के लोग। जैसे भारत के पास थल सेना है, वायु सेना, जल सेना। अलग अलग नहीं है।

सनातनी को आजतक घमंड है कि तुम हमसे जित ही नहीं सकते। पहले तो वो बर्बर आक्रमण कर देता है। जैसे बाघ हरिण को मार देता है। सभ्य लोग वैसा नहीं करते। लेकिन जंगल राज में सब चलता है। वो जो हजारों लाखों भिक्षुओ को किया। जमीन जायदाद के लिए तो नहीं किया। By definition भिक्षु के पास कुछ नहीं होता। तो फिर क्यों? भिक्षु का सबक अहिंसा। तो वो तो सभ्य भाषा हो गयी।

अपहरण। Kidnapping. रावण ने वही तो किया। रावण को इस बात का आश्चर्य हुवा कि सीता वन से सोने के लंका में आ गयी लेकिन खुश नहीं है। इसकी उसने कल्पना नहीं की थी। सीता का राम से स्वयंवर हुवा था। सीता ने खुद पसंद किया था। तो सनातनी worldview में औरत होती है property. गेहुँ का बोरा आप एक कमरे से दुसरे कमरे में ले जाते हो तो गेहुँ से पुछते हो क्या? जितने ऋषि मुनि हैं सबके सब पुरुष ही क्यों? सोंचने वाली बात है।

रावण के ये कल्पना में नहीं था कि राम लंका तक आ भी सकता है। दो भाई हैं। रावण के पास सेना है। युद्ध की कोई संभावना ही नहीं थी। उसने घमंड नहीं किया analysis की। युद्ध में हम हार नहीं सकते। सनातनी कहते।

लेकिन रावण तो हार गया। बुरी तरह। तो सनातनी कहता है, यद्ध में जित गए तो क्या। हम तुम्हें उसके बाद भी हरा सकते हैं। यानि कि हमारे जल सेना को हरा दिए तो क्या अभी थल सेना तो बाँकी है। तो वहाँ वाल्मिकी अपना रोल खेलता है।

वाल्मिकी रामायण अंत तक पढ़ो तो नहीं लगता है राम जिते हैं। सीता ने गलती की। लंका में रहती तो सुख से रहती। अंत तक पढ़ो तो राम लगने लगते हैं विलन। अमरीश पुरी। प्रेम चोपड़ा। शक्ति कपुर। तो वो सनातनी का कहना है, दावा है कि तुम हम से जित ही नहीं सकते। You simply can not win.

तो ये चैलेंज आज के रामभक्त को है। कि क्या ये सही है? कि सनातनी के साथ राम भगवान जित ही नहीं सकते? असंभव?

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

वेद पुराण उपनिषद --- ये सब हुवा Old Testament. ईसाई उस ओल्ड टेस्टामेंट को हटा के फेंक दिए हैं ऐसी बात नहीं है। बाइबल शुरू ही होता है ओल्ड टेस्टामेंट से। तो वेद पुराण उपनिषद को यादव या हरिजन क्लेम नहीं कर सकते या नहीं करना चाहिए ऐसी बात नहीं।

लेकिन शायद हरिजन मुक्ति इस बात में है कि हरिजन क्लेम करें हमारा अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह बुद्ध धर्म है, इस्लाम है, उसी तरह हम हरिजनों का अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह भारत ने ब्रिटेन को कहा हमारा अपना  देश है।

सनातनी से क्यों नहीं जिता जा सकता? जन और धन का रक्षा आधुनिक राज्य (modern state) की प्रथम जिम्मेवारी होती है। धर्म निरपेक्षता उस आधुनिक राज्य की नींव है। उस धर्म निरपेक्षता के छाते के अंदर सब आ जाते हैं, सब बराबर हैं: सनातनी, यादव, हरिजन, मुहम्मदन, बुद्धिस्ट, ईसाई, सिख।

दलित सबसे ज्यादा राम के इलाके में हैं। आखिर क्यों?

जिस राम के बीवी का अपहरण किया सनातनी ने, जिस राम को युद्ध में परास्त करना चाहा, जिस रामको विलन बना दिया उस सबके बावजुद ---- तो फिर राम मंदिर किसने तोडा? आपको क्या लगता है?

हरे राम हरे कृष्ण।




Wednesday, December 23, 2015

यादव और कृष्ण, हरिजन और राम: हरे राम हरे कृष्ण



जब हरे राम हरे कृष्ण वाले किसी गोरा को कन्वर्ट करते हैं तो नहीं कहते अब तुम ब्राह्मण हुवे, या वैश्य। कास्ट की बात ही नहीं होती। हिन्दु भी नहीं कहते। Krishna Consciousness.

यादव कृष्ण के संतति। हरिजन राम के भक्त। यादव का कोइ कास्ट नहीं। हरिजन का भी कोइ कास्ट नहीं। उन पर उपर से थोपा गया है। जिस तरह भारत पर विक्टोरिया ने थोप दिया। सनातनी ने हरिजन को दलित बना दिया। Colonized, Oppressed.

तो इस Oppression को ख़त्म करना होगा।

हरे राम हरे कृष्ण एक राजनीतिक कोएलिशन का भी नाम हो सकता है। लेकिन उसके बाद काम ठोस होना चाहिए। सिर्फ दलित नेता या पार्टी को वोट दे के ये Oppression खत्म नहीं होगा। उसके लिए lawmaking, law enforcement, और पाँच स पर जाना होगा। कोइ किसी को मंदिर जाने से रोकता है तो वो जुर्म नहीं है तो जुर्म बनाओ।

सनातनी अपना standalone identity बनाओ और रहो। ब्रिटेन भी एक टापु है।

कास्ट सिस्टम से बड़ा डिवाइड एंड रुल का हथियार विश्व इतिहास में दुसरा कोई बनाया ही नहीं गया। सनातनी सुरज अंग्रेज दीपक।

शायद दलित को ये कहना होगा हम हिन्दु नहीं हरिजन हैं। हमारा अलग धर्म है। हम रामभक्त हैं।


Monday, December 14, 2015

Yadavs Have No Caste

Yadavs have no caste. Yadavs are not Brahmin. Yadavs are not Chhatriya. Yadavs are not Vaishya. Yadavs are not Sudras. And they are large in number. They dominate the Hindi belt in India.

The question, is the Hindu religion possible without the caste system, it is not even a question. Of course it is possible.

It is not a coincidence that the only form of Hinduism that is out there in any missionary position is the one that flows straight out of Krishna, who is considered the Founding Father of the Yadavs. The Hare Rama Hare Krishna people are out there preaching. When you join, you simply become a Hindu, you have no caste. You read out of the Geeta, the crown jewel of the Hindu worldview.

But just like the Brahmins annihilated Buddhists from the subcontinent, they also tried to annihilate the Yadavs. They did manage to in Gujrat, where Krishna was from, where Gandhi was from, where Modi is from. Both Gandhi and Modi are caste Hindus.

Caste Hindus think of religion as geography. They don't feel, there are a billion Chinese, if I can get half of them that will be 500 million more Hindus. They don't care which way the Chinese go. They feel everyone on the subcontinent was once a Hindu, and so any deviation that happened anywhere along the way needs to be corrected. Which makes for amazingly intolerant, obnoxious behavior, like asking Muslims to "come back."

Bramhins are weird. They are supposed to be these learned people, people of the book, but they also have been the most mercilessly bloodthirsty. They have killed like it was nobody's business.

Yadavs also seem to be able to form political alliances with Muslims rather easily. Neither the Muslims nor the Yadavs are part of the caste framework. They have nothing to break out of first.

But I don't see any Yadav in Bollywood. Maybe the good looks stopped after Krishna, who was supposed to have had a thousand girlfriends. Laloo ne sab jagah aarakshan lagoo karvaya, Bollywood shayad bhool gaye.

























Bringing Closure To Tibet The Dalai Lama Way



Bringing Closure To Tibet The Dalai Lama Way

It is mind over matter. Chinese communists are matter people. They build roads and bridges. They are so good, there is no more road or bridge to build in China, that is why they are going to Pakistan. The hammer needs a nail. Or it will rust. It is not exactly goodwill.

The Dalai Lama is a mind person. Buddhism is not religion, it is science. It is a science that passes for religion. It is a science that does not mind being called religion.

The brain is body. The brain is matter. The mind is mind.

Buddhism is a science of the mind. There are plenty of sciences that deal with the brain and even mind. But Buddhism is the only that deals exclusively with the mind. It does not deal with food, for example. You want food? Go beg, Buddhism says. The Chinese say (or said) grab the landlord's land, by any means necessary.

Military conquests can not bother the mind. It can damage or even destroy the brain. But the mind is mind. After all, the Buddha himself created the world’s first republic by sheer mind power. He was so effective at evaporating the caste hierarchies of the Hindu cobweb, you see Buddhists in Tibet, in China, in Thailand, even Sri Lanka, but not in India, not in Bihar, not in Gujrat where he died (left the body), not in his hometown where he was born. The Bramhins had to physically eliminate. Totally annihilate. They had to destroy the body and the brain because they were so utterly incapable of confronting the mind. The Chinese have not come even remotely close. The Chinese can only dream about what the Bramhins did. And they did it with primitive tools where you had to see blood before your eyes while you took the life. Tibetans have not diminished in number. The religion is more or less intact. And they don’t much care about taxation, and the railway.

Mind over matter.

The Dalai Lama has the solution to China’s Tibet problem. He is the only one who has. And the Chinese should take it while he is still alive, or they might not have a solution for 200 years. The solution is for the Dalai Lama to visit Tibet and China. The Chinese government may take care of the logistics. The Dalai Lama does not mind. What train he rides in, what lodge he spends the night in. All that is matter. He does not mind. The solution is for the Chinese to welcome the Dalai Lama into the country and take him everywhere he wants to go. The trip could last a year. It might last for the rest of his life. Let him be. He is not asking for Tibet to be a separate country. There is no “splittism,” the most awkward word the Chinese have managed to put into the Oxford dictionary. There’s the selfie and then there is splittism. Both are highly awkward. Blame the Americans for one, blame the Chinese for another.

Only a Dalai Lama visit can normalize Tibet’s southern border and Tibet can go back to the way it was for thousands of years. Tibet is a natural part of South Asia, more so than Afghanistan. There is no India China border dispute. There is only a Chinese reluctance to let the Dalai Lama bring a closure to the whole issue.

Mind over matter. The Chinese should let the Dalai Lama visit before it is too late.

I am a Buddhist. I have been for almost 20 years now.

That is why what is going on in Nepal is of world war proportions. The Bramhins will be defeated in Kathmandu before they will be defeated in Delhi. Buddhists are not looking to conquer, not with the sword. Buddhists are looking to simply exist. You may not annihilate the body. You may not annihilate the brain. And you may not have hierarchies. But for that one person one vote is good enough. People have to make their own choices.

Mind over matter. The Dalai Lama has a bad knee. Maybe the Chinese would like to help. He wants to visit.

If Buddhism is science, my law of political entropy is Buddhist engineering. It is applied science. It is rocket science.

There is also the no small matter of anointing the next Dalai Lama, when the time comes.

Saturday, July 18, 2015

आजादी के बाद के ४० साल

भारत की गुलामी मुग़ल बादशाहों ने शुरू नहीं की। उससे पहले हिन्दु समाज को जातपात का आविष्कार कर के तोडा गया। ब्रिटिश क्या खाक डिवाइड एंड रूल करेंगे, उनके आने के ४-५ सौ साल पहले ही हिन्दु समाज आतंरिक रूप से टुट गयी थी। खुद हिन्दु लोगों ने तोड़ा। अभी भी टुटा हुवा है।

आजादी के बाद के  ४० साल के दौरान जनसंख्या वृद्धि दर भी २-३% और आर्थिक वृद्धि दर भी २-३% ---- तो देश जहिं का तहिं रह गया। सत्यजित रे के फिल्मों में जो गाओं दिखता है अभी भी वही गाओं दिखता है।

ये बात संजय गांधी को अखड़ गयी। तो उन्होंने सोंचा, आर्थिक वृद्धि दर तो खुद बेलायत, अमरिका ४% करते हैं। हम २-३% कर लेते हैं वही काफी है, तो देश का प्रगति हो तो आखिर हो कैसे? चीन में One Child Policy था, तो उन्होंने ने सोंचा, हम किसी से कम नहीं, और ला डाली Zero Child Policy. जबरजस्ती लोगों का नसबंदी करबाने लगे। उसी के लिए देश में इमरजेंसी भी लागु कर दिया, जिस बात का गुस्सा लालु को अभी तक है।



Saturday, March 14, 2015

भारतका विश्व शक्ति बनना और बॉलीवुड



अमिताभ हिन्दु, शाहरुख़ मुसलमान। दोनों के बीच जो व्यक्तिगत सम्बन्ध हैं ----- अगर वही सम्बन्ध भारत के सभी हिन्दुवों और मुसलमानो के बीच हो जाए तो भारत विश्व शक्ति बन जाए। The only way India can beat America is if it can celebrate diversity better than America. That's it. It is all about soft power. उनके पिक्चर (sorry, mixture) देखते हो, नक़ल भी कर लो। हेयर स्टाइल नक़ल करो। व्यवहार नक़ल करो। शाहरुख़ के साथ जो व्यक्तिगत सम्बन्ध है, उसे नकल करो। एक मुसलमान तुम भी ढूँढ लो दोस्ती करने के लिए। ये सन्देश मैं मुख्य रूपसे RSS टाइप बालों को दे रहा हुँ। वो कहते हैं सयकरों साल बाद हिंदुवो की गुलामी ख़त्म हुवी। हिंदुवो को विश्व शक्ति बनंना है अब। मैं कहता हुँ गुलामी ख़त्म कब हुवी? हिन्दु अब भी गुलाम ही है, खुदका गुलाम है। गुलामी शुरू कैसे हुवा?

हिन्दु धर्म १०,००० साल पुराना है। लेकिन caste system सिर्फ १,००० साल पुराना है। पहले caste system के मार्फ़त हिन्दुओ ने अपने समाजको चकनाचूर किया, उसके बाद वे गुलाम हुवे। आतंरिक एकता बनी रहती तो गुलाम ना होते कभी। तो वो caste system तो अभी भी बरकरार है। हिन्दु तो अभी भी गुलाम ही है। आजाद कब हुवा? वहाँ भी अमिताभ के पास एक मेसेज है --- मेसेज है उनका last name ----- Bachchan is a casteless last name. सौ दो सौ कवियों को इकठ्ठा करो और बच्चन जैसे सौ दो सौ हजार दो हजार last names का निर्माण करो और प्रधान मंत्री जन धन योजना की तरह लोगो का last name बदलने का अभियान चलाओ। एक casteless Hinduism का निर्माण करो। जैसे कि पहले था। The original Hinduism was casteless and stayed that way for 9,000 years. Got to reclaim that. जब तक caste system बरकरार है तब तक हिन्दु गुलाम है। जब तक भारतके अधिकांश हिन्दुओं और मुसलमानों का सम्बन्ध अमिताभ-शाहरुख़ के जैसा नहीं हो जाता तब तक भारत विश्व शक्ति नहीं बन सकता।

मैं इंडियन हुँ। बिहार में पैदा हुवा। नेपालमें बड़ा हुआ। I identify with the blacks in America because I grew up Indian in Nepal. हम लोगों को नेपाल के अंदर मधेसी कहते हैं। भारत विश्व शक्ति नहीं बन सकता अगर नेपाल में मधेसी को राजनीतिक समानता नहीं मिल जाती। अभी तक मिली नहीं है। श्री लंका में तामिल को दिक्कत, नेपाल में मधेसी को दिक्कत। भारत का अपमान। भारतके विश्व शक्ति बनने का पहला कदम है नेपाल के अंदर मधेसी को राजनीतिक समानता। राजनीतिक समानता के लिए मधेसी के संघर्षको भारतको अपना संघर्ष मानना चाहिए। देखा अनदेखा मत करो। Justice के संघर्ष में विश्व शक्ति बनने का ख्वाब देखने वाला देश neutral नहीं रह सकता।

संसारके प्रत्येक देशमें भारतीय रहते हैं। अमेरिका के प्रत्येक शहर में भारतीय रहते हैं। विश्व भर में एक जो Global Indian Community है उस community के लिए अमिताभ royalty के माफिक हैं। ब्रिटिश लोगो के पास Queen Elizabeth II है, हम लोगों के पास अमिताभ। मेरे को पुछो तो ब्रिटिश के पास जो है उससे कहीं बेहतर royalty हमारे पास है। अमिताभ के साथ Global Indian Community का एक active सम्बन्ध है, बहुतों का एक lifelong सम्बन्ध है ----- I know that is true for me. I grew up watching Amitabh Bachchan. I used to copy his hairstyle. Then my hair went bad on me.

भारतका विश्व शक्ति बनना और बॉलीवुड ------ बॉलीवुड सिर्फ entertainment नहीं है। It is currently India's biggest export. एक और export item हो सकता है: democracy ------- मोदी के ब्रांड वाला development वाला ---- या AAP वाला ---- या फिर दोनों। अरब देशो में, चीन में, अफ्रिका में democracy spread करने के मामले में भारत का निर्णायक रोल हो सकता है। अमरिका से भी बड़ा। जितने अमरिका में लोग हैं उतने तो मुसलमान ही होंगे भारत में। India sits next to China, America does not. India sits next to Pakistan, America does not.

Bollywood, democracy, development ------ all are export items. Even Hinduism. The RSS folks should go on missions all over the world and spread the good word on Hinduism and convert the willing.