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Monday, February 06, 2017

बाबरी मस्जिद में भगवान राम की ही तो पुजा हो रही थी




येशु आएगा ये बात प्रथम बार भगवान कृष्ण ने गीता में तब कहा, ५,००० साल पहले, जब बाइबल की एक शब्द नहीं लिखी गई थी। Adam paradise से किक आउट हुवा ४,००० साल पहले, तो कुछ लोग कहते हैं इस पृथ्वी की आयु ४,००० साल है। गलत कहते हैं। भगवान कृष्ण ५,००० साल पहले। उससे पहले ७,००० साल पहले भगवान राम।

गीता में कहा गया है ये ब्रह्माण्ड ६ बिलियन साल से ज्यादा तक रहेगी। अभी का जो स्वर्ग है वो १०० बिलियन साल तक कायम रह चुकी है। और एक cosmic cycle १५०,००० बिलियन साल का होता है। Cosmic cycle जब ख़त्म होता है तो सिर्फ पिता परमेश्वर और पुत्र परमेश्वर बाँकी रह जाते हैं। बाँकी जितने being हैं, चाहे angel या मनुष्य, सबको परमेश्वर अपने womb में वापस ले लेते हैं। उसके बाद एक नया cosmic cycle शुरू।

उस पिता परमेश्वर को हिंदु विष्णु कहते हैं। उन्हें यहुदी Yahweh कहते हैं। मुसलमान उन्हें अल्लाह कहते हैं। क्रिस्चियन उन्हें Holy Father कहते हैं। उनका पहला मानव अवतार भगवान राम। यानि कि बाबरी मस्जिद में भगवान राम की ही पुजा हो रही थी। सिख उन्हें अल्लाह और राम दोनों नाम से जानते हैं।

Holy Son जिन्हें क्रिस्चियन कहते हैं उन्हें ही हिन्दु ब्रम्ह कहते हैं, यहुदी Wisdom के नाम से जानते हैं और Holy Daughter कहते हैं। उस Wisdom अर्थात ब्रम्ह का पहला मानव अवतार येशु २,००० साल पहले। दुसरा मानव अवतार मैं।

ब्रम्ह ने हिंदु को वेद दिया। उसी ब्रम्ह को हिन्दु लगातार २,००० साल तक नकार चुका है। अजीब बात नहीं? कहते हो रामभक्त हैं। उसी राम के मंदिर को तोड़ दिया। उसी परमेश्वर के मानव अवतार स्वीकार लेकिन उनका जो unmanifest रूप है वो अस्वीकार?

भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है, मेरे दिखाए हुवे रास्ते पर १०,००० में एक लोग चलेंगे और जितने चलेंगे उसमें से १०,००० में एक सफल होंगे। लेकिन Wisdom (यानि कि ब्रम्ह यानि कि येशु) के रास्ते पर चलने वाले सभी paradise पहुँच सकते हैं, चाहे कितना ही पापी क्युँ न हो। ये बात येशु के आने से पहले ३,००० साल पहले भगवान कृष्ण ने कहा।

पृथ्वी एक, स्वर्ग सात। लेकिन जिसे सबसे उपर सातवें स्वर्ग तक पहुँचना है वो वहाँ येशु के रास्ते नहीं पहुँच सकते, उन्हें भगवान श्री कृष्ण के दिखाए रास्ते ही जाना होगा, और वो है योग का रास्ता। अब ५,००० साल बाद शायद ratio बदला जा सकता है। शायद अब १०,००० में एक नहीं १,००० में एक संभव हो जाये। बगैर प्रयास के कैसे पता चलेगा?

यानि की हिन्दु सब baptize हो जाओ और क्रिस्चियन सब के सब योग करने लगो।

जरा सोंचो, सर्वशक्तिमान पिता परमेश्वर जो कुछ भी कर सकते हैं, omnipotent, omniscient, उनके जन्मभुमि पर कोइ उनके अलावे किसी दुसरे का मंदिर बना सकता था क्या?

अच्छा यही होगा कि उस जगह पर मंदिर मस्जिद दोनों बने side by side ताकि उनके मानव अवतार की भी पुजा हो और उनके formless, unmanifest रूप की भी।

गीता को समझने के लिए कोरान पढ्ने की जरुरत होती है।

Arjuna said:

What is it that drives a man
to an evil action, Krishna,
even against his will,
as if some force made him do it?

(Geeta 3:36)

इस प्रश्न को भगवान कृष्ण deflect कर देते हैं क्यों कि उतर के लिए न उस समय अर्जुन तैयार था न मानव जाति। इस प्रश्न का पुर्ण जवाब मिलेगा आपको कोरान में जहाँ खुल के शैतान (Satan) का जिक्र किया गया है।

God So Loved Humanity He Denied His Own Son

Gospel में एक जगह जिजस (येशु) कहता है, यदि तुम में श्रद्धा है तो तुम पहाड़ उठा सकते हो। वो हनुमान के बारे में कहा गया। हनुमान से बढ़ के कोई भक्त पैदा ही नहीं हुवा।








Thursday, December 24, 2015

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

रावण अपने युगका सबसे बड़ा ज्ञाता था, the most learned man alive. वेद पुराण उसको सब मालुम था, पन्ना पन्ना। इस बातका खुद रामको एहसास था। रावण के सामने वाल्मिकी कुछ नहीं। लेकिन दोनों थे सनातनी। एक ही गैंग के लोग। जैसे भारत के पास थल सेना है, वायु सेना, जल सेना। अलग अलग नहीं है।

सनातनी को आजतक घमंड है कि तुम हमसे जित ही नहीं सकते। पहले तो वो बर्बर आक्रमण कर देता है। जैसे बाघ हरिण को मार देता है। सभ्य लोग वैसा नहीं करते। लेकिन जंगल राज में सब चलता है। वो जो हजारों लाखों भिक्षुओ को किया। जमीन जायदाद के लिए तो नहीं किया। By definition भिक्षु के पास कुछ नहीं होता। तो फिर क्यों? भिक्षु का सबक अहिंसा। तो वो तो सभ्य भाषा हो गयी।

अपहरण। Kidnapping. रावण ने वही तो किया। रावण को इस बात का आश्चर्य हुवा कि सीता वन से सोने के लंका में आ गयी लेकिन खुश नहीं है। इसकी उसने कल्पना नहीं की थी। सीता का राम से स्वयंवर हुवा था। सीता ने खुद पसंद किया था। तो सनातनी worldview में औरत होती है property. गेहुँ का बोरा आप एक कमरे से दुसरे कमरे में ले जाते हो तो गेहुँ से पुछते हो क्या? जितने ऋषि मुनि हैं सबके सब पुरुष ही क्यों? सोंचने वाली बात है।

रावण के ये कल्पना में नहीं था कि राम लंका तक आ भी सकता है। दो भाई हैं। रावण के पास सेना है। युद्ध की कोई संभावना ही नहीं थी। उसने घमंड नहीं किया analysis की। युद्ध में हम हार नहीं सकते। सनातनी कहते।

लेकिन रावण तो हार गया। बुरी तरह। तो सनातनी कहता है, यद्ध में जित गए तो क्या। हम तुम्हें उसके बाद भी हरा सकते हैं। यानि कि हमारे जल सेना को हरा दिए तो क्या अभी थल सेना तो बाँकी है। तो वहाँ वाल्मिकी अपना रोल खेलता है।

वाल्मिकी रामायण अंत तक पढ़ो तो नहीं लगता है राम जिते हैं। सीता ने गलती की। लंका में रहती तो सुख से रहती। अंत तक पढ़ो तो राम लगने लगते हैं विलन। अमरीश पुरी। प्रेम चोपड़ा। शक्ति कपुर। तो वो सनातनी का कहना है, दावा है कि तुम हम से जित ही नहीं सकते। You simply can not win.

तो ये चैलेंज आज के रामभक्त को है। कि क्या ये सही है? कि सनातनी के साथ राम भगवान जित ही नहीं सकते? असंभव?

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

वेद पुराण उपनिषद --- ये सब हुवा Old Testament. ईसाई उस ओल्ड टेस्टामेंट को हटा के फेंक दिए हैं ऐसी बात नहीं है। बाइबल शुरू ही होता है ओल्ड टेस्टामेंट से। तो वेद पुराण उपनिषद को यादव या हरिजन क्लेम नहीं कर सकते या नहीं करना चाहिए ऐसी बात नहीं।

लेकिन शायद हरिजन मुक्ति इस बात में है कि हरिजन क्लेम करें हमारा अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह बुद्ध धर्म है, इस्लाम है, उसी तरह हम हरिजनों का अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह भारत ने ब्रिटेन को कहा हमारा अपना  देश है।

सनातनी से क्यों नहीं जिता जा सकता? जन और धन का रक्षा आधुनिक राज्य (modern state) की प्रथम जिम्मेवारी होती है। धर्म निरपेक्षता उस आधुनिक राज्य की नींव है। उस धर्म निरपेक्षता के छाते के अंदर सब आ जाते हैं, सब बराबर हैं: सनातनी, यादव, हरिजन, मुहम्मदन, बुद्धिस्ट, ईसाई, सिख।

दलित सबसे ज्यादा राम के इलाके में हैं। आखिर क्यों?

जिस राम के बीवी का अपहरण किया सनातनी ने, जिस राम को युद्ध में परास्त करना चाहा, जिस रामको विलन बना दिया उस सबके बावजुद ---- तो फिर राम मंदिर किसने तोडा? आपको क्या लगता है?

हरे राम हरे कृष्ण।




Wednesday, December 23, 2015

Ramayana: Rewriting History

English: Deities of Sri Sri Sita-Rama, Lakshma...
English: Deities of Sri Sri Sita-Rama, Lakshmana, Hanuman at Bhaktivedanta Manor temple, in Watford, England. (Photo credit: Wikipedia)
Valmiki was a Sanatani. He made Ram look bad. Ram's story is unique. नहीं तो जीजस को देखो अकेले पोल पर लटका हुवा है। ईसाइ धर्म में या यहुदी में है की ईश्वर ने पुरुष बनाया और पुरुष ने अपने हड्डी से औरत। तो वहां तो महिला को बराबरी मिलने से रहा। विश्व के प्रमुख धर्मो में सिर्फ राम सीता की कहानी है जहाँ महिला पुरुष बराबर हैं। बल्कि सीता एक स्तर ऊपर। राम दशरथ का पुत्र सीता धरती की पुत्री। राम ने धनुष नहीं उठाया। सीता ने शिव से अनुनय किया कि मैं चाहती हुँ यही धनुष उठाए। राम सीता पर आधारित धर्म में महिला को बराबरी मिलेगी, मिलनी चाहिए। यानि की रामभक्त को दलित बनाना सिर्फ हरिजन नहीं महिला पर भी वार है। सनातनी महिला को जगह नहीं देते। बिलकुल नहीं।

तुलसीदास रामभक्त था। हरिजन। दलित। रामभक्त ने राम को हीरो के रूप में प्रस्तुत किया। वाल्मिकी के संतति आज के नेपाल के विलन हैं। कुछ ही रोज पहले जानकी मंदिर के भितर बुट पहन के घुस गए। एक हिन्दु वो काम कर ही नहीं सकता।

रामभक्त को दलित बना दिया। तो फिर राम मंदिर किसने तोडा? सोंचने वाली बात है।

राम तो बाद में आए। वानर सेना बाद में आई। सीता ने लंका में अपनी रक्षा खुद की। रावण शायद सनातनी शैतान था। कहा भी गया है, he was the most learned man alive. यानि की उस युगका टॉप सनातनी। शैतान। वेद पुराण का ज्ञाता। That makes the Ramayana a feminist story. कि उससे पहले औरत को प्रॉपर्टी की तरह उठा लिया जाता था।

मंदिर तोडा सनातनी ने दोष दे रहे हैं मुसलमान को। सनातनी के बाद कृष्ण के बाद राम के बाद बुद्ध के बाद जीजस  मुहम्मद। सनातनी को कृष्ण से वैर, राम से वैर, बुद्ध से वैर, जीजस से वैर तो फिर मुसलमान से क्यों नहीं होगा वैर? ये डिवाइड and रूल है। यादव और मुसलमान इतने आसानी से मिल जाते हैं। राम मंदिर का तथ्य सामने आया तो यादव, हरिजन और मुसलमान एक जगह आ जायेंगे। सनातनी ये नहीं चाहता।

रावण भी सनातनी, वाल्मीकि भी। अंग्रेज थोड़े कहते हैं हमने कोलोनाइज़ किया। वो कहते हैं हम ने तुम पर उपकार किया। कलम कौन चला रहा है उससे बहुत फर्क पड़ता है।

Why did Tulsidas make changes while rewriting Valmiki's 'Ramayana' as 'Shri Ramcharitmanas'?
Technically speaking, the Ramcharitamanas, or the Kambaramayanam, are all just regional remakes of the original, Valmiki's Ramayana. These might have minor tweaks here and there, but the crux is the same, the story is the same. ..... this is the reason stories like Ramayana when written in various regional languages by Tulsidas, Kamban, Krittivasan, are adapted so as to appeal to the people from the respective regions .... For instance,

in the Ramcharitamanas, there is no mention of Lava Kusa in the Uttara Kanda. When Rama asks Sita to go to the forest, to put to an end the gossip of his subjects, Tulasidas who views Sita as more than a mother and is unable to put her through the tortures of the forest in his version, so he makes Sita call for her Mother, the Earth right away, and Rama, unable to live away from Sita, leaves his mortal body right there.

........ a major deviation from the Valmiki's Ramayana ...... there is this beautiful romanticizing of the Rama-Sita swayamvara in the Kamba Ramayana, where Kamban famously says "Annan-um nokkinaar, aval-um nokkinaal." (Older brother proceeded, she followed suit! (with legs, eyes, multiple meanings) It's a beautiful one-line love-story of Rama-Sita (Kamban always referred to Rama as an older brother in his version), before the actual swayamvara, wherein it talks about how Sita following her glimpse of Rama, prays to Shiva to get Rama to break the Shivdhanush. Small additions like this to the storyline, makes it more beautiful to read, and this is something that is definitely encouraged in literature.
Difference between original ramayan and the ramayan you know
Full text of "Difference between original ramayan and the ramayana you know"
What is difference between tulsidas and valmiki ramayana?
10 Differences Between Ramayana and Ramcharitmanas
Valmiki Ramayana vs. Tulsidas' Ramayana vs. Serials


Monday, December 21, 2015

The Caste System Is The Sanatani Colonizing The Hindu Religion

Yadavs Have No Caste

राम के बाद कृष्ण। द्वापर युग त्रेता युग। तो कृष्ण का कास्ट क्या है? वो उँच जात के कि नीच जात के? कृष्ण का तो कोइ कास्ट नहीं। क्या वजह है? मुग़ल ने आ के कोलोनाइज़ किया वो तो हिन्दु देखते हैं, अँग्रेज का भी देख लेते हैं। लेकिन सनातनी का कोलोनाइजेशन आँख के ठीक सामने है लेकिन दिखता नहीं।

सनातनी यहुदी के तरह हुवे। ओल्ड टेस्टामेंट बोल दो। जीजस कोई गोरा नहीं था। पिक्चर में दिखा देते हैं जीजस को गोरा और बुद्ध को चिनिया। जब कि जीजस का चमरा था ब्राउन। अरब था। जैसा कि आजकल टेररिस्ट कह देते हैं। बुद्ध तो विशुद्ध मधेसी। १००% ---- जीजस के समुदाय के लोगों का जेनेटिक पुल और सनातनी का जेनेटिक पुल बहुत मिलता होगा। जो वैज्ञानिक लोग हैं ओ अपना शोध करें। हम तो layman हैं। मैं माइग्रेशन पैटर्न के आधार पर बोल रहा हुँ।

हाल ही में अमेरिका में एक मास्टर को नौकरी से निकाल दिया। क्यों कि उसने कहे दिया कि मुसलमान और ईसाई का भगवान एक ही है। मेरे को तो बहुत ताज्जुब लगा। कल कोई कहे एवरेस्ट की ऊंचाई है ८८४८ मीटर तो उसे भी निकाल दो।

दुनिया के सभी धर्म एक ही जगह से शुरू हुवे हैं। सनातनी भी मिडिल ईस्ट से ही आए हैं। सिर्फ यहुदी, ईसाई और मुसलमान का ही नहीं सनातनी, हिन्दु और बुद्धिस्ट का भी भगवान एक ही है। और ये जेनेटिक पुल का बात नहीं है। अरे मुरख जरा सोंच, भगवान का जो कांसेप्ट है वो एक के अलावे दो कैसे हो सकता है? भगवान एक ही हैं। Either that, or we are not talking about God, we are talking about something else. टॉपिक चेंज कर दिया गया। एक होना भगवान का प्रॉपर्टी है। जैसे पानी का प्रॉपर्टी है तरल होना। तो भगवान का प्रॉपर्टी है एक होना। एक के अलावे दो हो नहीं सकते। वो तो हम हैं अंधे जो एक ही हाथी को छु रहे हैं और अपने अपने स्टाइल से वर्णन कर रहे हैं।

अंधा कर देता है धर्म। श्री लंका और बर्मा में बुद्धिस्ट का हिंसा देख के दलाई लामा को कहना पड़ा उनकी बुद्धिस्ट धर्म से कोई लेनादेना नहीं। उनका सम्बन्ध है उनकी आशक्ति है बुद्ध के ज्ञान से।

बिभिन्न धर्म वाले टेंशन करते रहते हैं। तो संगठित धर्म राजनीति का रूप धारण कर लेता है। इसी लिए धर्म निरपेक्षता बहुत ही जरुरी चीज है। कि सभी धर्म के लिए जगह है टेंट में और राज्य का अपना कोई धर्म नहीं। राज्य तो एक भौतिक चीज हुई। पुलिस का लाठी डंडा, सुरक्षा, प्रति व्यक्ति आय, स्कुल अस्पताल, रोड पुल।

जीजस का जन्म हुवा यहुदी के रूप में। और जीजस ने ना बुद्ध ने खुद कोई धर्म शुरू किया। वो तो ज्ञान बांड रहे थे। नॉलेज। धर्म तो हम आप ने बाद में बना दिया। बुद्ध ने अपने आप को सिर्फ एक गुरु माना। कि जितना ज्ञान मेरे पास है उतना तुम्हारे पास भी हो सकता है। प्रयास करो।

उस समय के यहुदी ने जीसस को तड़पा तड़पा के मारा। उन्हें लगा ये हमारे शक्ति को चैलेंज कर रहा है। राम कृष्ण के हाथ पैर होते हैं। इस बात का सनातनी को बहुत बुरा लगता है। कि भगवान का भी कोई हाथ पैर होता है क्या!

दलितों में देखिएगा राम के प्रति बहुत आशक्ति। मेरे को ये ज्ञान नहीं हैं लेकिन मेरा अनुमान है जिस तरह यादव और कृष्ण उसी तरह दलित और राम। शायद। तो रामभक्त को तोड़मरोड़ करने में सनातनी को ज्यादा टाइम मिल गया। एक युग और बित जाने दो तो यादव भी हो जाएंगे दलित।

तो सनातनी कहता है तुम मंदिर में मत जाओ। मेरा आदेश है। किसी को धर्म से वर्जित कोई इंसान कैसे कर सकता है? This tension is not about God, this tension is about religion.

राम मंदिर बाद में बनाओ। पहले दलित को बराबरी हो। सबसे ज्यादा दलित राम के इलाके में क्यों? Coincidence? हरिजन शायद उपयुक्त नाम है। दलित का मतलब हुवा oppressed --- तो जैसे भारत को कहा जाता था colonized --- लेकिन देश का नाम तो Colonized नहीं हो सकता। Political status था colonized -- देशका नाम नहीं था। तो दलित समुदाय का नाम नहीं हो सकता। वो अभी का political status है। नाम शायद हरिजन है समुदाय का।

सनातनी ने बड़े बड़े पाप किए हैं। बुद्ध के भुमि से बुद्ध धर्म को बिलकुल सखाप कर दिया। तर्क वितर्क या पुजा पाठ से नहीं। जेनोसाइड के रास्ते। रूआण्डा। यहुदी ने एक जीजस को मारा। सनातनी ने कितने बुद्ध को मारा कोई गिनती नहीं।

एक आधुनिक राज्य में उस बुद्ध के शरीर की सुरक्षा की जिम्मेवारी राज्य की होती है।

कृष्ण का वध किया सनातनी ने। कहानी में लिख देते हैं श्राप दे दिया। भष्म कर दिया ये कर दिया वो कर दिया। मर्डर किया होगा। जिस तरह जीजस का मर्डर हुवा। History is written by the victors वाली बात।

जब हिन्दु धर्म हिन्दु धर्म रहता है तो वो बिना कास्ट के होता है, जैसे कि यादवों में है। लेकिन जब सनातनी हिन्दु धर्म को तोड़मरोड़ के रख देते हैं तो उसी को कास्ट सिस्टम कहते हैं। वो सनातनी का आक्रमण है। हिन्दु को पता भी नहीं चलता।

"The greatest trick the devil ever pulled was to convince the world he didn't exist."



यहुदी कहता है, हाँ जीजस पैदा हुवा था लेकिन आदमी था। साधारण इंसान। हमारे ही गाओं देहात में पैदा हुवा था। हम मिले थे उससे। ईसाई कहते हैं जीजस भगवान का बेटा था। उतने से difference of opinion में दो धर्म हैं। दो अलग अलग धर्म। दलित कहता है हमें राम भगवान का पुजा करना है तो सनातनी सोंचता है इसे डायरेक्ट रोकुंगा तो लफड़ा हो सकता है तो वो घुमा के कहता है, तुम तो दलित हो, तुम नीच हो, तुम मंदिर नहीं जा सकते।

तो क्या है कि हिन्दु धर्म को लिबरेट करना होगा। कास्ट सिस्टम को खत्म करना होगा।

धर्म निरपेक्षता इस लिए बहुत जरुरी है। जीसस इन्सान था या भगवान का बेटा ---- वो आप लोग छलफल करते रहो, और वैसे भी वो राजकाज से सम्बंधित चीज नहीं है। तो सनातनी रहो। ब्राह्मण रहो। अपना सांस्कृतिक पहचान बना के रखो। जो पढ़ना है पढ़ो। यानि कि यादव के तरह ब्राह्मण का एक standalone identity हो सकता है, सांस्कृतिक। लेकिन किसी को मंदिर जाने से वर्जित नहीं कर सकते। किसी के रामभक्ति के आड़े नहीं आ सकते। किसी दूसरे को नीचा नहीं देख सकते। प्रत्येक धर्म का प्रत्येक ग्रन्थ सारे मानव जाति का है। कोई भी कुछ भी पढ़ सकता है। दलित वेद पुराण बाइबल कुरान कुछ भी पढ़ सकता है, उसकी इच्छा। सीसा पिघलाओ और गिलास बनाओ।

हिन्दु धर्म अभी एक कोलोनाइज्ड धर्म है। कास्ट सिस्टम ख़त्म करो तो मिल गयी आजादी। १९४७: अ लव स्टोरी।

सनातनी के विरुद्ध सब के सब एक हो जाओ: यादव, हरिजन, मुसलमान, बुद्धिस्ट। बदला नहीं सधाना है, बराबरी लेना भी है और देना भी। जान और धन का सुरक्षा वो तो धर्म निरपेक्ष राज्य का काम है, वो धार्मिक टॉपिक ही नहीं। वो तो भौतिक चीज है।