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Monday, December 12, 2016

Priyanka Chopra, Racism, Sexism, America, India

Binge watching Quantico is on my to do list. I binge watched Kevin Spacey and Amitabh Bachchan, and it was a great experience. I also have binge watched the show 24. It is my impression Quantico is along the lines of 24. But Priyanka Chopra is all over the media. I have noticed for months now. She is on the cover of magazines. There are videos of her making appearances on American TV all over YouTube. She was the most googled after Leonardo DiCaprio at the last Oscars. That is a powerful metric. What you have to note there is that Priyanka met Leo while she is on the way up and Leo is on the way down. Dwayne Johnson is the top paid actor in Hollywood? Not for long if Priyanka has her way.

She is a first. No Hollywood actor has ever eased into Bollywood. No Bollywood actor has ever eased into Hollywood like she has. The world is her oyster. Pun intended. For her mother seems to suggest PC is all into oysters. There are pictures on her Instagram of her ordering oysters in many parts of the world.

What rankles though is the media treatment. The tablet that God handed over to Moses on the mountain was also meant for the media. Take note.

The glaring racism and sexism is so in your face. For example, there is one dumb white male, and two young black women, all into fat shaming PC. That is a pattern. You connect the dots and you see there is some Roger Ailes type fatso somewhere in the background pulling the strings. When you deliver the racist, sexist message through a black woman, then maybe it is not racist and sexist, that is the thinking.

Many working class Americans work two jobs. That is not lazy. An average American is fat. But that is not about people being lazy. The average American is fat for the same reason something as gigantic as the Pacific is choking with plastic. The American Big Pharma has managed to kill half the gut bacteria in American tummies. That is the top reason why the average American is fat. It is chaos.

Bollywood is not the Indian version of Hollywood any more than the thali is the Indian version of the hamburger.





The family in America is weak precisely because Americans do not worship Lord Rama, the first human incarnation of the Holy Father. Rama created the family, and established justice is above wealth, knowledge, power. Lord Krishna created the modern state and laid out the rules for use of force to uphold justice. Lord Jesus built the bridge to heaven, and created the person on earth, the person of the one person one vote democracy, the basic unit of the modern economy. India could not become a modern state and economy unless it opens up its heart to Jesus.



Friday, February 26, 2016

एक राधा एक मीरा



भगवान तक जाने के लिए चलो तो आधे रास्ते में लता मंगेशकर मिल जाती है। अधिकांश लोग तो उससे आगे कदम बढ़ाते ही नहीं। उन्हें लगता है हमें तो मिल गया।

मीरा को भी तो मिल गए कन्हैया। वो सबको मिले जिन्होंने उन्हें चाहा।


Thursday, December 24, 2015

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

रावण अपने युगका सबसे बड़ा ज्ञाता था, the most learned man alive. वेद पुराण उसको सब मालुम था, पन्ना पन्ना। इस बातका खुद रामको एहसास था। रावण के सामने वाल्मिकी कुछ नहीं। लेकिन दोनों थे सनातनी। एक ही गैंग के लोग। जैसे भारत के पास थल सेना है, वायु सेना, जल सेना। अलग अलग नहीं है।

सनातनी को आजतक घमंड है कि तुम हमसे जित ही नहीं सकते। पहले तो वो बर्बर आक्रमण कर देता है। जैसे बाघ हरिण को मार देता है। सभ्य लोग वैसा नहीं करते। लेकिन जंगल राज में सब चलता है। वो जो हजारों लाखों भिक्षुओ को किया। जमीन जायदाद के लिए तो नहीं किया। By definition भिक्षु के पास कुछ नहीं होता। तो फिर क्यों? भिक्षु का सबक अहिंसा। तो वो तो सभ्य भाषा हो गयी।

अपहरण। Kidnapping. रावण ने वही तो किया। रावण को इस बात का आश्चर्य हुवा कि सीता वन से सोने के लंका में आ गयी लेकिन खुश नहीं है। इसकी उसने कल्पना नहीं की थी। सीता का राम से स्वयंवर हुवा था। सीता ने खुद पसंद किया था। तो सनातनी worldview में औरत होती है property. गेहुँ का बोरा आप एक कमरे से दुसरे कमरे में ले जाते हो तो गेहुँ से पुछते हो क्या? जितने ऋषि मुनि हैं सबके सब पुरुष ही क्यों? सोंचने वाली बात है।

रावण के ये कल्पना में नहीं था कि राम लंका तक आ भी सकता है। दो भाई हैं। रावण के पास सेना है। युद्ध की कोई संभावना ही नहीं थी। उसने घमंड नहीं किया analysis की। युद्ध में हम हार नहीं सकते। सनातनी कहते।

लेकिन रावण तो हार गया। बुरी तरह। तो सनातनी कहता है, यद्ध में जित गए तो क्या। हम तुम्हें उसके बाद भी हरा सकते हैं। यानि कि हमारे जल सेना को हरा दिए तो क्या अभी थल सेना तो बाँकी है। तो वहाँ वाल्मिकी अपना रोल खेलता है।

वाल्मिकी रामायण अंत तक पढ़ो तो नहीं लगता है राम जिते हैं। सीता ने गलती की। लंका में रहती तो सुख से रहती। अंत तक पढ़ो तो राम लगने लगते हैं विलन। अमरीश पुरी। प्रेम चोपड़ा। शक्ति कपुर। तो वो सनातनी का कहना है, दावा है कि तुम हम से जित ही नहीं सकते। You simply can not win.

तो ये चैलेंज आज के रामभक्त को है। कि क्या ये सही है? कि सनातनी के साथ राम भगवान जित ही नहीं सकते? असंभव?

रावण या वाल्मिकी: कौन बड़ा सनातनी शैतान?

वेद पुराण उपनिषद --- ये सब हुवा Old Testament. ईसाई उस ओल्ड टेस्टामेंट को हटा के फेंक दिए हैं ऐसी बात नहीं है। बाइबल शुरू ही होता है ओल्ड टेस्टामेंट से। तो वेद पुराण उपनिषद को यादव या हरिजन क्लेम नहीं कर सकते या नहीं करना चाहिए ऐसी बात नहीं।

लेकिन शायद हरिजन मुक्ति इस बात में है कि हरिजन क्लेम करें हमारा अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह बुद्ध धर्म है, इस्लाम है, उसी तरह हम हरिजनों का अपना एक अलग धर्म है। जिस तरह भारत ने ब्रिटेन को कहा हमारा अपना  देश है।

सनातनी से क्यों नहीं जिता जा सकता? जन और धन का रक्षा आधुनिक राज्य (modern state) की प्रथम जिम्मेवारी होती है। धर्म निरपेक्षता उस आधुनिक राज्य की नींव है। उस धर्म निरपेक्षता के छाते के अंदर सब आ जाते हैं, सब बराबर हैं: सनातनी, यादव, हरिजन, मुहम्मदन, बुद्धिस्ट, ईसाई, सिख।

दलित सबसे ज्यादा राम के इलाके में हैं। आखिर क्यों?

जिस राम के बीवी का अपहरण किया सनातनी ने, जिस राम को युद्ध में परास्त करना चाहा, जिस रामको विलन बना दिया उस सबके बावजुद ---- तो फिर राम मंदिर किसने तोडा? आपको क्या लगता है?

हरे राम हरे कृष्ण।




Monday, December 21, 2015

The Caste System Is The Sanatani Colonizing The Hindu Religion

Yadavs Have No Caste

राम के बाद कृष्ण। द्वापर युग त्रेता युग। तो कृष्ण का कास्ट क्या है? वो उँच जात के कि नीच जात के? कृष्ण का तो कोइ कास्ट नहीं। क्या वजह है? मुग़ल ने आ के कोलोनाइज़ किया वो तो हिन्दु देखते हैं, अँग्रेज का भी देख लेते हैं। लेकिन सनातनी का कोलोनाइजेशन आँख के ठीक सामने है लेकिन दिखता नहीं।

सनातनी यहुदी के तरह हुवे। ओल्ड टेस्टामेंट बोल दो। जीजस कोई गोरा नहीं था। पिक्चर में दिखा देते हैं जीजस को गोरा और बुद्ध को चिनिया। जब कि जीजस का चमरा था ब्राउन। अरब था। जैसा कि आजकल टेररिस्ट कह देते हैं। बुद्ध तो विशुद्ध मधेसी। १००% ---- जीजस के समुदाय के लोगों का जेनेटिक पुल और सनातनी का जेनेटिक पुल बहुत मिलता होगा। जो वैज्ञानिक लोग हैं ओ अपना शोध करें। हम तो layman हैं। मैं माइग्रेशन पैटर्न के आधार पर बोल रहा हुँ।

हाल ही में अमेरिका में एक मास्टर को नौकरी से निकाल दिया। क्यों कि उसने कहे दिया कि मुसलमान और ईसाई का भगवान एक ही है। मेरे को तो बहुत ताज्जुब लगा। कल कोई कहे एवरेस्ट की ऊंचाई है ८८४८ मीटर तो उसे भी निकाल दो।

दुनिया के सभी धर्म एक ही जगह से शुरू हुवे हैं। सनातनी भी मिडिल ईस्ट से ही आए हैं। सिर्फ यहुदी, ईसाई और मुसलमान का ही नहीं सनातनी, हिन्दु और बुद्धिस्ट का भी भगवान एक ही है। और ये जेनेटिक पुल का बात नहीं है। अरे मुरख जरा सोंच, भगवान का जो कांसेप्ट है वो एक के अलावे दो कैसे हो सकता है? भगवान एक ही हैं। Either that, or we are not talking about God, we are talking about something else. टॉपिक चेंज कर दिया गया। एक होना भगवान का प्रॉपर्टी है। जैसे पानी का प्रॉपर्टी है तरल होना। तो भगवान का प्रॉपर्टी है एक होना। एक के अलावे दो हो नहीं सकते। वो तो हम हैं अंधे जो एक ही हाथी को छु रहे हैं और अपने अपने स्टाइल से वर्णन कर रहे हैं।

अंधा कर देता है धर्म। श्री लंका और बर्मा में बुद्धिस्ट का हिंसा देख के दलाई लामा को कहना पड़ा उनकी बुद्धिस्ट धर्म से कोई लेनादेना नहीं। उनका सम्बन्ध है उनकी आशक्ति है बुद्ध के ज्ञान से।

बिभिन्न धर्म वाले टेंशन करते रहते हैं। तो संगठित धर्म राजनीति का रूप धारण कर लेता है। इसी लिए धर्म निरपेक्षता बहुत ही जरुरी चीज है। कि सभी धर्म के लिए जगह है टेंट में और राज्य का अपना कोई धर्म नहीं। राज्य तो एक भौतिक चीज हुई। पुलिस का लाठी डंडा, सुरक्षा, प्रति व्यक्ति आय, स्कुल अस्पताल, रोड पुल।

जीजस का जन्म हुवा यहुदी के रूप में। और जीजस ने ना बुद्ध ने खुद कोई धर्म शुरू किया। वो तो ज्ञान बांड रहे थे। नॉलेज। धर्म तो हम आप ने बाद में बना दिया। बुद्ध ने अपने आप को सिर्फ एक गुरु माना। कि जितना ज्ञान मेरे पास है उतना तुम्हारे पास भी हो सकता है। प्रयास करो।

उस समय के यहुदी ने जीसस को तड़पा तड़पा के मारा। उन्हें लगा ये हमारे शक्ति को चैलेंज कर रहा है। राम कृष्ण के हाथ पैर होते हैं। इस बात का सनातनी को बहुत बुरा लगता है। कि भगवान का भी कोई हाथ पैर होता है क्या!

दलितों में देखिएगा राम के प्रति बहुत आशक्ति। मेरे को ये ज्ञान नहीं हैं लेकिन मेरा अनुमान है जिस तरह यादव और कृष्ण उसी तरह दलित और राम। शायद। तो रामभक्त को तोड़मरोड़ करने में सनातनी को ज्यादा टाइम मिल गया। एक युग और बित जाने दो तो यादव भी हो जाएंगे दलित।

तो सनातनी कहता है तुम मंदिर में मत जाओ। मेरा आदेश है। किसी को धर्म से वर्जित कोई इंसान कैसे कर सकता है? This tension is not about God, this tension is about religion.

राम मंदिर बाद में बनाओ। पहले दलित को बराबरी हो। सबसे ज्यादा दलित राम के इलाके में क्यों? Coincidence? हरिजन शायद उपयुक्त नाम है। दलित का मतलब हुवा oppressed --- तो जैसे भारत को कहा जाता था colonized --- लेकिन देश का नाम तो Colonized नहीं हो सकता। Political status था colonized -- देशका नाम नहीं था। तो दलित समुदाय का नाम नहीं हो सकता। वो अभी का political status है। नाम शायद हरिजन है समुदाय का।

सनातनी ने बड़े बड़े पाप किए हैं। बुद्ध के भुमि से बुद्ध धर्म को बिलकुल सखाप कर दिया। तर्क वितर्क या पुजा पाठ से नहीं। जेनोसाइड के रास्ते। रूआण्डा। यहुदी ने एक जीजस को मारा। सनातनी ने कितने बुद्ध को मारा कोई गिनती नहीं।

एक आधुनिक राज्य में उस बुद्ध के शरीर की सुरक्षा की जिम्मेवारी राज्य की होती है।

कृष्ण का वध किया सनातनी ने। कहानी में लिख देते हैं श्राप दे दिया। भष्म कर दिया ये कर दिया वो कर दिया। मर्डर किया होगा। जिस तरह जीजस का मर्डर हुवा। History is written by the victors वाली बात।

जब हिन्दु धर्म हिन्दु धर्म रहता है तो वो बिना कास्ट के होता है, जैसे कि यादवों में है। लेकिन जब सनातनी हिन्दु धर्म को तोड़मरोड़ के रख देते हैं तो उसी को कास्ट सिस्टम कहते हैं। वो सनातनी का आक्रमण है। हिन्दु को पता भी नहीं चलता।

"The greatest trick the devil ever pulled was to convince the world he didn't exist."



यहुदी कहता है, हाँ जीजस पैदा हुवा था लेकिन आदमी था। साधारण इंसान। हमारे ही गाओं देहात में पैदा हुवा था। हम मिले थे उससे। ईसाई कहते हैं जीजस भगवान का बेटा था। उतने से difference of opinion में दो धर्म हैं। दो अलग अलग धर्म। दलित कहता है हमें राम भगवान का पुजा करना है तो सनातनी सोंचता है इसे डायरेक्ट रोकुंगा तो लफड़ा हो सकता है तो वो घुमा के कहता है, तुम तो दलित हो, तुम नीच हो, तुम मंदिर नहीं जा सकते।

तो क्या है कि हिन्दु धर्म को लिबरेट करना होगा। कास्ट सिस्टम को खत्म करना होगा।

धर्म निरपेक्षता इस लिए बहुत जरुरी है। जीसस इन्सान था या भगवान का बेटा ---- वो आप लोग छलफल करते रहो, और वैसे भी वो राजकाज से सम्बंधित चीज नहीं है। तो सनातनी रहो। ब्राह्मण रहो। अपना सांस्कृतिक पहचान बना के रखो। जो पढ़ना है पढ़ो। यानि कि यादव के तरह ब्राह्मण का एक standalone identity हो सकता है, सांस्कृतिक। लेकिन किसी को मंदिर जाने से वर्जित नहीं कर सकते। किसी के रामभक्ति के आड़े नहीं आ सकते। किसी दूसरे को नीचा नहीं देख सकते। प्रत्येक धर्म का प्रत्येक ग्रन्थ सारे मानव जाति का है। कोई भी कुछ भी पढ़ सकता है। दलित वेद पुराण बाइबल कुरान कुछ भी पढ़ सकता है, उसकी इच्छा। सीसा पिघलाओ और गिलास बनाओ।

हिन्दु धर्म अभी एक कोलोनाइज्ड धर्म है। कास्ट सिस्टम ख़त्म करो तो मिल गयी आजादी। १९४७: अ लव स्टोरी।

सनातनी के विरुद्ध सब के सब एक हो जाओ: यादव, हरिजन, मुसलमान, बुद्धिस्ट। बदला नहीं सधाना है, बराबरी लेना भी है और देना भी। जान और धन का सुरक्षा वो तो धर्म निरपेक्ष राज्य का काम है, वो धार्मिक टॉपिक ही नहीं। वो तो भौतिक चीज है।


Monday, December 14, 2015

Yadavs Have No Caste

Yadavs have no caste. Yadavs are not Brahmin. Yadavs are not Chhatriya. Yadavs are not Vaishya. Yadavs are not Sudras. And they are large in number. They dominate the Hindi belt in India.

The question, is the Hindu religion possible without the caste system, it is not even a question. Of course it is possible.

It is not a coincidence that the only form of Hinduism that is out there in any missionary position is the one that flows straight out of Krishna, who is considered the Founding Father of the Yadavs. The Hare Rama Hare Krishna people are out there preaching. When you join, you simply become a Hindu, you have no caste. You read out of the Geeta, the crown jewel of the Hindu worldview.

But just like the Brahmins annihilated Buddhists from the subcontinent, they also tried to annihilate the Yadavs. They did manage to in Gujrat, where Krishna was from, where Gandhi was from, where Modi is from. Both Gandhi and Modi are caste Hindus.

Caste Hindus think of religion as geography. They don't feel, there are a billion Chinese, if I can get half of them that will be 500 million more Hindus. They don't care which way the Chinese go. They feel everyone on the subcontinent was once a Hindu, and so any deviation that happened anywhere along the way needs to be corrected. Which makes for amazingly intolerant, obnoxious behavior, like asking Muslims to "come back."

Bramhins are weird. They are supposed to be these learned people, people of the book, but they also have been the most mercilessly bloodthirsty. They have killed like it was nobody's business.

Yadavs also seem to be able to form political alliances with Muslims rather easily. Neither the Muslims nor the Yadavs are part of the caste framework. They have nothing to break out of first.

But I don't see any Yadav in Bollywood. Maybe the good looks stopped after Krishna, who was supposed to have had a thousand girlfriends. Laloo ne sab jagah aarakshan lagoo karvaya, Bollywood shayad bhool gaye.

























Monday, May 11, 2015

Modi's Blind Spot: Smriti Irani?



I like Smriti Irani, but she is perhaps not the best choice for the, what is it called, the Human Resources Ministry. And I thought she was Education Minister.

When Modi was Gujrat Chief Minister, and Nitish was Bihar Chief Minister, they both had stellar economic growth rates, but Modi was seen better at courting the private sector, Nitish was seen doing better work in education and health.

Education has to be top priority. And traditional ways will not work. The traditional way is where you count how many school buildings you erect. That is too slow. That is not scalable enough. Education should be in the air. Education should be lifelong. High school should be available to all illiterate adults. The goal should be 100% high school graduates, and 50% college graduates.

Use FM technology. Illiterate adults too proud to show up at school should be able to tune in to their classes. You should be able to do 12 years of schooling by tuning in. Cheap tablets with the Wikipedia downloaded and preloaded should be handed out to top performing high school students across the country. I believe the Wikipedia is available in several Indian languages. Get it done in all major languages. Getting broadband to every citizen is more important than taking roads to every citizen, although roads are also important. Jahan broadband pahunch gaya samjho wahan university pahunch gaya. Khan Academy ke videos dekh ke log education hasil kar sakte hain. 

Some of those criticizing her are being sexist. And there are plenty of those inside the BJP. The RSS is plain wrong in trying to saffronize education. What do you want? Hindu madarsas? She is giving the impression of being a woman who does not know her place. How can she act bossy towards people she is a boss of?
The babus are upset, the RSS is seething ..... She has been accused of rubbing colleagues in the BJP up the wrong way, failing to understand the RSS's demands when it comes to the education sector and being unable to retain key administrative officials in the ministry. .... her educational qualifications, the decision to celebrate 'good governance day' instead of Christmas day in CBSE schools, respected nuclear scientist Anil Kakodkar threatening to quit from the board of IIT-B directors and dropping German as a third language in Kendriya Vidyalayas. ..... none of these seem to have tempered the manner in which she deals with her ministry ...... wary and distrustful of bureaucrats, Irani has reportedly been known to humiliate and put them down in ways that have resulted in more than one of them seeking transfers. ...... while a vice chancellor of a central university is quoted as saying those trying to suggest ideas to Irani could be told "this is not your classroom, this is my ministry", a senior ministry official speaks about how she flung a file at additional secretary-rank official only to apologise later, and promise to 'restore his honour'. ....... Irani had once told a top official that although she had less education, she had more brains than him, accused another of selling the sovereignty of the nation and told an official at a meeting of an academic body 'I am the council'. ........ the official who reportedly had a file thrown at him reportedly preferred to opt for a transfer rather than have his honour restored, and other bureaucrats have been cited as wanting to be repatriated rather than continue to have to deal with her. ........ despite bragging of long standing third generation ties with the RSS, the organisation reportedly has no love lost for her ....... the RSS is not very happy with the manner in which Kakodkar was treated and believe she's "rude, oppressive and bossy". ....... Senior leaders are unhappy with the manner in which she has been treating senior leadership, including not standing to greet Rajnath Singh, not responding to requests for appointments and making people who do meet her feel "uncomfortable". ....... when Irani was the subject of a sexist barb from JD(U) leader Sharad Yadav ..... she does not seem to like most of us
But even after taking all that into account, the job has been tough on her, and the stress has been showing. She should be kept in the cabinet, but at another ministry. Perhaps.

But Modi has a big incentive to stick by Irani. He wants Irani to snatch Rahul's constituency away from him. That is a tall task, but he wants to keep trying. Unko abhi bhi nahin lag raha hai ki Bharat Congress mukt ho gaya.  

Smriti Zubin Irani. Inke middle name aur last name se to lagta hai she might be Muslim. Is that what the RSS people are unhappy about?



Smriti, A Fading Memory?
On May 26, after the grand swearing-in ceremony of the Narendra Modi government, the most beaming face in the BJP was that of Smriti Irani. At 38, she had been made a cabinet minister and was being projected as the new woman face of the party. With her trademark sindoor and flashing eyes, the actress-politician accepted congratulations as if it was her due. Commentators on TV debates waxed eloquent about how this bright young woman, who had fought a gritty battle against Rahul Gandhi in Amethi, now represented the future of the BJP. She epitomised Indian womanhood, it was said. She smiled and accepted many congratulations before the cameras. ...... There have been remarks about Smriti imagining she is the “Jhansi ki Rani about to lop off four heads with her sword”. ...... Instead of charming people who come to meet her, she makes them uncomfortable. ..... She has developed a persona of being aloof and indifferent. ..... “Smriti has also been the butt of sexist barbs and comments in Parliament and under normal circumstances we should all have been rallying around her. But the problem is that she does not seem to like most of us ...... Still, to Smriti’s credit, she has endured those controversies involving sexist remarks well, eventually giving it back in a dignified manner. For instance, when Sanjay Nirupam of the Congress called her a ‘thumkewali’, she just took him to court. ......... in 2006 that Smriti very consciously worked to get herself into the good books of the most powerful chief minister in the BJP, a man who seemed poised for bigger things. ..... Women in politics often run the risk of being objectified, particularly if they are not part of the bahu-beti brigade, that is women who are token representatives of men or come from a political dynasty. Smriti has made it to the top of the party on her own steam. As a former actress, she would inevitably have had to face pretty crude sexism from those who would resent the rise of a powerful woman. ..... And there’s no doubt that women can at times be as bad as men in spreading gossip, innuendo and resenting the rise of a rival. It’s human nature really, and the BJP has always been a party of great rivalries and competing ambition. ....... Smriti has been a star act in the BJP. She has also turned out to be much smarter and quicker on the uptake than other star acts in the BJP, most notably the beautiful and charming Hema Malini, who really does not contribute much beyond her presence. As a politician, Smriti is undoubtedly of a different calibre: she thrives in the cut and thrust of debate, in taking on challengers in the electoral battlefield, in giving smart replies to pesky reporters. She may not have degrees but it’s hard to doubt that she is a smart and savvy woman.
No Jottings, The Babu Has Left The Building
‘I Wouldn’t Trust Her With Jam And Pickle Ministry’
A Matter Of Orientation
The Better Bindi Diplomat