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Sunday, September 04, 2016

Rajan Is Right

Raghuram Rajan, India's Departing Central Banker, Has a New Warning 

2008 was a wasted crisis. It was a crisis that could have helped the world take one big leap towards a knowledge economy. The world had an opportunity to shape globoeconomics, a new third dimension to the traditional micro and macroeconomics. Some new global institutions were needed. America needed a three trillion stimulus with much of that money ending on Main Street, but instead ended up with a much bigger monetary stimulus with all the money ending up on Wall Street, pretty much free.

If the interest rates stay at near zero for long enough, it is no longer a tool, is it? But what if that has been your only tool? Then you have no available tool the next time a big crisis hits.

Wednesday, June 29, 2016

स्वामी का बाभनवाद

स्वामी बाभन है। सत्ताधारी कोई भी हो वो सता के नजदीक पहुंच ही जाता है। चाहे इन्दिरा गांधी हो या मोदी।

रघुराम राजन को तन्ग किया तो राजन आउट। राजन आउट तो जेटली पर हमला शुरू। लोगो ने प्रश्न किया तो स्वामी का पोस्चर था कि मैं मोदी का आदमी, मेरा मोदी और अमित शाह से सीधे बात होता है। तो लोगों को शन्का हुआ। मोदी से सीधा बात करने वाले तो जेटली, ये फिर मलाई में मक्खी कौन?

राजन के विरुद्ध मीडिया क्याम्पेन करने की कोई जरूरत नहीं थी। राजनीतिक रूप से घटिया कदम था। जो स्वामी ने लिया। केंद्रीय बैंक के गवर्नर के कार्यकाल को और समय देना न देना प्रधानमंत्री के अधिकार की बात है और वो बात सब को मालूम है, राजन को भी मालूम है।

राजन मेरीट वाले लोग हैं। वो दुनिया के किसी भी देश का केंद्रीय बैंक या वित्त मंत्रालय चला सकते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत नहीं। कान का डाक्टर हड्डियों के भी डाक्टर हो ये जरूरी नहीं।

राजन को लगा मोदी हिन्ट दे रहे हैं स्वामी के मार्फत। गलत लगा। स्वामी जैसे लोगों का कोई बौस नहीं होता। बगैर लगाम का घोड़ा।

इतना बड़ा देश, राजन के अलावे और कोई चला ही नहीं सकता ऐसी बात नहीं। लेकिन जो दो चार नाम सामने आए हैं वो राजन के लेवल के नहीं।

केन्द्रीय बैंक के गवर्नर का कोई पार्टी नहीं होता। अमेरिका में था बन्दा एलेन ग्रीनस्पान। रिपब्लिकन पार्टी ने पद पर लाया, डेमोक्रेटिक पार्टी के बिल क्लिंटन ने पद पर कायम रखा। मार्केट को अच्छा सन्देश गया।

राजन का कोई पार्टी नहीं है। राजन जैसे लोगों का कोई पार्टी नहीं होता। राजन को पद पर कायम रखना मोदी के हित में है।

राजन को भी इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा कहीं। विश्व इतिहास में नाम दर्ज कराने का और कोई मौका मिलेगा क्या? प्रोफेसर को कौन जानता है?

हमला बोल दिया स्वामी ने। राजन को लगा मोदी की आवाज है। इस लिए मैं बोला राजन प्रधानमंत्री बनने के काबिल नहीं है। इतना भी पता नहीं चला कि हमलावर कौन है।

स्वामी ही तो समस्या है मोदी का। सारे दुनिया में, अमेरिका में मोदी का डन्का बजता है लेकिन छोटा-सा देश नेपाल। मोदी के नाक में पानी कर के रखा है। आखिर क्यों?

बाभनवाद।

मोदी तेली है, बाभन नहीं। बस। इतनी सी बात है काठमाण्डु में। देश तबाह हो जाए मन्जुर लेकिन मोदी को नीचा दिखाना है।

ओली रावण है, रावण के तरह बाभन है। रावण, स्वामी और ओली तीनों का नस्ल एक।

10 करोड़ बाभन परमेश्वर और आम जनता के बीच में बैठे हैं। कैसे आगे बढ़ेगा देश? घर में आते हैं, मुर्ति पुजा करते हैं, ऐसे किताब पढते हैं जो न खुद समझते हैं न जनता को समझ आती है। दक्षिणा में पैसा ले जाते हैं। दलित को मन्दिर में घुसने नहीं देते। आम जनता को परमेश्वर से अलग रखना शैतान का काम है।

राजनीति में पुराना नियम है Follow The Money.

भारत के अर्थतंत्र का जो सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर है small business sector उसको डिसमिस कर दिया जाता है informal sector कह के। यही तो रोना है। बहुत सोची-समझी साजिश है। ताकि बैंक लोन सिर्फ बड़े बड़े उद्योगपति को मिले। लोन ले लेते हैं और पैसा वापस नहीं करते। जनता तबाह। हाइ लेवल की डकैती।

तो राजन हलवा टाइट करने में लगे थे। तो अखड गये होंगे दो चार। तो क्याम्पेन शुरू। मिडिया में बदनाम करो राजन को।

जिस तरह सबको आईडी दिया जा रहा है उसी तरह देश के प्रत्येक बिजनेस को रजिस्टर्ड करो। ताकि सब लोन ले सके।

I was open to extension to complete unfinished work: Rajan
I have never been an inflation nutter, says Rajan