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Tuesday, December 15, 2015

पाकिस्तान को ४० बिलियन का ऐड (2)

पाकिस्तान को ४० बिलियन का ऐड

तो सामान जब आती है तो वो रात के समय गुप चुप ट्रांसपोर्ट किया जाता है। सीधे गोदाम तक। कमसे कम लोगों को मालुम होता है। कहीं भारत उपर से स्पाई satellite न घुमा दे। ये नेशनल सिक्योरिटी का मामला है।

सोंचने वाली बात है, हथियार आया फॉरेन ऐड तो पाकिस्तान टु फाइट द वॉर ऑन टेरर तो फिर भारत से छुपाने का मतलब? तालेबान के पास को शायद satellite नहीं। भारत युद्ध करना जानता है, लेकिन टेरर --- वो उतना सोफिस्टिकेटेड कहाँ!

सामान गोदाम में जाने के बाद फिर एक जेनेरेशन उसको गोदाम से बाहर निकलना नहीं। काहे तो वो काम का सामान होता ही नहीं। किधर प्रयोग करिएगा? मैन्युअल पढ्ने वाले भी तो चाहिए। आतंकवादी चला रहा है AK-47 तो आप चलाइएगा क्या? आतंकवादी करता है urban warfare जहाँ हथियार कम इंटेलिजेंस ज्यादा काम की होती है।

बल्कि एक जनरेशन बाद उसी गोदाम में खिड़की दरबज्जा लगा दो तो वो हो गया म्यूजियम। देखो बच्चो, जब हम सुपरपावर हुवा करते थे तो कभी हम अमेरिका को सप्लाई करते थे तो कभी अमेरिका भी हमें सप्लाई करता था। तो एक बार अमेरिका ने जो सप्लाई किया वो ये है।

मान लो आप ने इस तरह गोदाम में बंद नहीं किया। चीन से एक कोई भ्रमण पर आया है उसने देख लिया। रूचि लेने लगा।

"मिया, ये क्या? कब ख़रीदे?"

"यही कोई छ महिने पहले ख़रीदे। वो क्या है कि सिक्योरिटी थोड़ा टेंशन दे रहा था। सो।"

"कैश ख़रीदे?"

"बिल्कुल। कुछ अपने भी थे कुछ ऐड में भी उसी वक्त पैसा आया हुवा था। तो सोंचे सिक्योरिटी तो सबसे जरुरी है। सो खरीद लिए। पैसे गनने में पसीना छुट गया था। सूटकेस का सूटकेस देना पड़ा था। गिनने वक्त मैं खुद बैठा था।"

"अच्छा?"

"बिलकुल।"

"वो जो है, वो कितने का है?"

"वो वाला? वो वही कोई बिलियन डॉलर का है वो। वर्ल्ड क्लास है। सीरिया बगैरह किसी के पास नहीं। भारत में भी रिपब्लिक डे में अभी तक नहीं दिखा। "

तो चिनिया भाइ नजदिक जा के देखते हैं।

"ये अच्छा है लेकिन ये तो हम आपको १०० मिलियन में उपलब्ध करा सकते थे। कभी कभार हमें भी याद कर लिया करो।"

बस मिया भाइ टाय टाय फिस। कि क्युँ बोला पैसा मैंने गिना। इम्प्रेस होने के बजाय ये क्या बोल गया?

तो मुँहमाँगी प्राइस लिए हुवे रहते हैं सप्लायर। गोदाम में ढक के रखने का प्रमुख कारण वो होता है।


Saturday, December 12, 2015

पाकिस्तान को ४० बिलियन का ऐड

Flag of Pakistan Esperanto: Flago de Pakistano...
Flag of Pakistan Esperanto: Flago de Pakistano Español: Bandera de Pakistán Français : Drapeau du Pakistan हिन्दी: पाकिस्तान का ध्वज Italiano: Bandiera del Pakistan ଓଡ଼ିଆ: ପାକିସ୍ତାନୀ ଝଣ୍ଡା Русский: Флаг Пакистана தமிழ்: பாக்கித்தான் கொடி Türkçe: Pakistan bayrağı Slovenščina: Državna zastava Pakistana (Photo credit: Wikipedia)
लोगों ने इंटरनेट पर पढ़ा कि अमरिका ने पाकिस्तान को ४० बिलियन ऐड में दिया है। और जमीन पर कुछ दिख नहीं रहा है। एक मियाँ भाइ दुसरे को देख रहे हैं शक के दृष्टि से। ये उस को देखता है, वो उसको देखता है। कि मियाँ, वो जो अमरिका से पैसा आया, वो कहीं आपने तो हजम नहीं किया? कोइ ऑफिस में नया सुट पहन के आ जाता है तो शक शुरू। नया सुट पहना है बंदा, कहीं वो ४० बिलियन यही तो हजम नहीं कर बैठा!

तो होता क्या है कि वो पैसा कभी अमेरिका से पाकिस्तान तक पहुँचता ही नहीं। अमरिका सरकार के खाते में से कुछ डिफेंस कंपनिया बगैरह के खाते में पैसा जाता है। पाकिस्तान पहुँचता है महंगा महंगा हथियार। ये बिजनेस है। और वो हतियार इस्लामाबाद में चाँदनी चौक पर डिस्प्ले कर दिया जाता कमसेकम तो लोग देखते कि यही है, अमरिका ने जो ४० बिलियन दिया। आम आदमी तो दुर आम सिपाही को भी कभी दिखाया नहीं जाता। अधिकांश तो गोदाम से कभी निकलते नहीं। कभी प्रयोग ही नहीं हो पाता।

बिजनेस में एक कांसेप्ट है ROI, यानि कि Return On Investment. तो १० मिलियन कांग्रेसमैन सीनेटर लोगों को खिलाओ तो वो लोग बिल पास करेंगे, बिल का नाम रहेगा फॉरेन ऐड टु पाकिस्तान टू फाइट द वॉर ओन टेरर। बिल पास होगा। खर्चा हुवा १० मिलियन, प्रॉफिट हुवा १० बिलियन। उतना प्रॉफिट मार्जिन तो सॉफ्टवेयर में भी नहीं है। अच्छा बिजनेस है। और यहाँ एक मिया भाइ दुसरे मिया भाइ को देख रहा है, कि मिया वो जो मैंने इंटरनेट पर पढ़ा अमरीका ने जो दिया वो कहीं आप तो हजम नहीं कर गए?

Don't get me wrong. मैं ये नहीं कह रहा कि पाकिस्तान में करप्शन नहीं है। अगर करप्शन ना होता तो गरीबी ही ना होता। जहाँ जहाँ गरीबी है मान जाओ वहाँ करप्शन है। करप्शन खतम गरीबी खतम।