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Thursday, May 16, 2019

India 2019: The Best Speech Of This Election Season

Granted this speech by Akbar Owaisi is not from this election season, it looks like it might be from two years back, but I watched it only a few days ago for the first time, and so I am going to count it as something from this election season, besides its relevance, if anything, has only gone up. It is a marvelous speech. I hope his party expands to the urban centers of India with this focus on the nuts and bolts of empowerment and development.

Akbar Owaisi has always been very impressive when it comes to delivery. He is a natural. He is the Virat Kohli or oratory in Indian politics. But in this speech what also comes forth is he has thoroughly done his homework. Indian politicians are not known to do that. They simply get up and do the stream of consciousness thing. Here Akbar can be seen going from page to page, reading out statistic after statistic. He successfully impresses upon his voters that their votes are valuable. If they vote right, they can get more government money to show up in their neighborhoods.

I am impressed. I wish Akbar Owaisi the best in the next state and local elections in Mumbai. I think their next target after Hyderabad is Mumbai. They are trying to expand into Mumbai.

Owaisi exhibits a high level of emotional intelligence in the way he presents himself.

Thursday, March 24, 2016

भारतके मुसलमान: पाँचवा कास्ट

भारत में मुसलमानो को पाँचवा कास्ट बना के रखा गया है। बहुत गलत बात है। मुसलमानों का अपना एक अलग धर्म है। जातपात मानना ही है तो आप उसको अपने धर्म तक सीमित रखो। दुसरों पर लाद तो नहीं सकते।

दलित को चौथा कास्ट। मुसलमानो को पाँचवा कास्ट। दलितों और मुसलमानो के प्रति व्यक्ति आय में वही दिखता है।

दलित को चौथा कास्ट और मुसलमानो को पाँचवा कास्ट बना के रखे रहो तब तक भारत विश्व शक्ति बन ही नहीं सकता, संभव ही नहीं। कास्ट सिस्टम ख़त्म करो, गरीबी ख़त्म करो, तो विश्व शक्ति बन जाओगे। कास्ट सिस्टम भगवान का नहीं इंसान का बनाया है। इंसान ख़त्म भी कर सकता है।

मानव अधिकार तो भारत के संविधान में सुरक्षित है। कोई भी व्यक्ति या संगठन या फिर खुद सरकार ही मानव अधिकार का हनन करे तो भारतका कोई भी नागरिक पुलिस और कचहरी कहीं भी जा के नालिस कर सकता है। एक नागरिक काफी है। अगर कोई एक भी आदमी आगे नहीं आता तो ये तो संविधान की कमजोरी नहीं। अपनी रीढ़ की हड्डी जरा मजबुत करो। Legal Defense Fund खड़े करो। कानुनी लड़ाई लड़ो।

जन धन का सुरक्षा एक आधुनिक राज्य (state) का प्रथम दायित्व होता है। लोकतंत्र में gender violence, caste violence, religious violence के लिए कोई जगह नहीं। दंगे नहीं होने चाहिए। जिस तरह cyclone के लिए Early Warming System होती है, उसी तरह दंगो को बिलकुल नाकाम किया जा सकता है। ये एक law and order problem है। अगर कहीं दंगा होता है तो हुवा कि पुलिस अपना काम नहीं कर रही।

हैदराबाद के जो ओवैसी दो भाईजान हैं उन्हें मैं कइ महिनों से बड़े गौर से देख रहा हुँ। मजलिस का नाम सिर्फ वही एक शब्द नहीं हो सकता क्या? पुरा नाम तो एक ब्रांडिंग प्रॉब्लम है।

दुसरा बात है अकबर ओवैसी साहब को कहुंगा, आप इतने अच्छे बोल लेते हो। लेकिन एक जगह मैंने यूट्यूब पर सुना आप ने कहा, १५ मिनट पुलिस रस्ते से हट जाओ सिर्फ और तब देखो। तो वो तो वाक स्वतंत्रता नहीं हुई। लोकतंत्र में हिंसा भी allow नहीं है और हिंसा के लिए आह्वान करो मंच पर से, वो भी allow नहीं है। लोकतंत्र ही तो ताकत है आप की। लोकतंत्र को मानो। बल्कि मंच पर से बोलो, कानुन अपने हाथ में मत लो, सशक्त होना है तो संगठित हो जाओ।

मजलिस की लोकतान्त्रिक संभावना विश्व राजनीति तक है। लोकतंत्र का सन्देश दुनिया के सभी मुसलमानों तक पहुँचाना है। वो काम मजलिस कर सकती है। लेकिन उसके लिए लोकतंत्र को मानना होगा।

गुजरात, उससे पहले भागलपुर, और तो और खुद पार्टीशन के समय ---- बहुत हताहत हुवे। अपने कौम का दर्द महसुस होना एक अच्छे नेता का खुबी है। लेकिन उस दर्द को शक्ति में बदलने के राह पर चलो। और रास्ता है लोकतंत्र का। अहिंसा का।

संगठित हो जाओ। सशक्त हो जाओगे। शिक्षित हो जाओ। समृद्ध हो जाओगे। बस। अल्लाह का ये जो क्रिएशन है उसको appreciate करो। Appreciate करने का रास्ता है math and science.

मजलिस का और तो और खुद हैदराबाद में मेयर नहीं। खुद अपने राज्य में मुख्य मंत्री नहीं। कमसेकम हैदराबाद में मेयर अपनी पार्टी के बना के दिखाओ। भारत भर के मुसलमान पहले ये देखना चाहते हैं कि आपकी पार्टी govern कर सकती है कि नहीं। एक दो बड़े शहरों में सरकार चला के तो दिखाओ।

मुसलमान समुदाय से राजनीति शुरू की अच्छी बात है, लेकिन एक बड़ा शहर चलाने के लिए सभी समुदाय को अपील करना होता है। तो करो। कुछ आएंगे, कुछ नहीं। उनकी मर्जी।

लोकतंत्र, मानव अधिकार, गणतंत्र, संघीयता, समावेशीता
सुशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, संरचना, सुलभता 
E for Education, E for Entrepreneurship, E for Energy

दुनिया के तीन में एक गरीब भारत में है। भारत ही तो है सारी दुनिया को गरीब बना के रखे हुवे है। मजलिस के पास विश्व राजनीति हिला देने की सम्भावना है।






































Monday, June 15, 2015

आल इंडिया मजलिस मुसलमान

आल इंडिया मजलिस मुसलमान नामकी कोइ पार्टी है हैदराबाद से। मैंने YouTube पर भाषण सुना दोनों भाइयों का। वे भी भारतीय लोकतंत्र के उपहार हैं। मजलिस शब्द का अर्थ क्या है? मंजिल का मतलब destination. मेरे को कोइ मंच पर से राज ठाकरे की धुलाई करे तो बहुत अच्छा लगता है। उस आदमी ने बैठे बैठे अमिताभ को खरी खोटी सुना दी। अमिताभ अपना फिल्मों में काम कर रहे हैं। इस बात का उस आदमी को ऐतराज है?


Friday, May 22, 2015

दलितों के पास दो रास्ता



दलितों के पास दो रास्ता है मेरे नजर में।

(१) हिन्दु लोग caste system को बिलकुल ख़तम करने का अभियान चलायें
(२) अगर हिन्दु लोग उस रास्ते पर नहीं जाते हैं दलितों के पास दुसरा रास्ता वो है तो अकबर वैसी ने दिखाया है: धर्म परिवर्तन करो और मुसलमान बन जाओ।

मुसलमान का मसीहा जो लालु मुलायम जैसे लोग बनते थे वो जमाना गया। अब मुसलामन का मसीहा खुद मुसलमान बनेगा। दलित १६% हैं। १७ करोड़। मुसलमान हैं १८ करोड़। दोनों मिल जाते हैं तो सत्ता हाथ में ले लेंगे। शांतिपूर्वक राजनीति करो। जाओ वोट माँगो। काम करो। विकास करो।

Indians Muslims should use democracy as a tool to empower the Muslim community in India on social, economic indicators across the board, and they should work to spread democracy across the Muslim world. They should take the lead on that. They are in the best position to do that.

अकबर के पार्टी का नाम मेरे मुँह से लेकिन निकलता नहीं है --- कैसा कठिन नाम है। खैर जो है सो है -- उनकी मर्जी।