Showing posts with label Small Business. Show all posts
Showing posts with label Small Business. Show all posts

Monday, March 07, 2016

Access To Credit For The Small Business Sector In India

लोन के लिए कोलैटरल की जरुरत नहीं। सबके पास एक परिचयपत्र होना चाहिए। तो भारत में जिस तरह सीधे मोबाइल फ़ोन आ गया उसी तरह सीधे बायोमेट्रिक आईडी आ गया। और बैंक अकाउंट चाहिए। कॅश में डील करो तो पाकेटमार पीछे पड़ जायेंगे। और एक चाहिए क्रेडिट हिस्ट्री। यानि कि किसी से भी लोन लो, तो कितना लिया, कब लिया, चुकता किया की नहीं, सबका रिकॉर्ड रहता है। और क्रेडिट स्कोर। लेकिन सात साल में सात खुन माफ़। यानि कि आप का क्रेडिट स्कोर कितना भी ख़राब हो जाए, सात साल में क्लीन स्लेट। फिर से शुरू हो सकते हो। और बैंक को ये मानना चाहिए कि कितना भी करो ५% लोन तो डिफ़ॉल्ट होना ही है। उस बात को बिज़नेस मॉडल में ही रखो। यानि कि आप किसी को तंग नहीं कर सकते। फार्मर सुसाइड का कारण है किसानों को तंग किया जाता है। तंग नहीं कर सकते। वो मानव अधिकार का हनन हुवा। बल्कि किसान पुलिस में रिपोर्ट करो कि ये मुझे तंग कर रहा है। 

१०-१५ लाख आएगा कह के सब ने बैंक खाता खुल्बा लिया देखो। अच्छा हुवा। नहीं तो लोन लेते तो कैसे?

जिस तरह प्रत्येक व्यक्ति को आईडी चाहिए उसी तरह प्रत्येक बिजनेस को, छोटे से छोटे बिजनेस को, रजिस्ट्रेशन करो। इतना कि बगैर रजिस्ट्रेशन के कोई बिजनेस कर ही नहीं सकते। और ये उनसे टैक्स लेने के लिए नहीं। बल्कि कानुन बना दो कि सालाना इतने से कम कमाई होनेवाले बिजनेस को कहीं कोई टैक्स नहीं। रजिस्ट्रेशन इसलिए कि वो लोन ले सके और अगर बात बिगड़ गयी तो बैंकरप्सी के लिए फाइल कर सके। कोर्ट में जाओ और जज को कहो मैं एक भी लोन नहीं दे सकता कृपया कंपनी डिजोल्व कर दो। तो कर देगा। बिजनेस सबके बस की बात नहीं। 

बस यहीं तो है जॉब क्रिएशन। नौकरी लोगो की यहीं तो मिलेगी। कोई सेंट्रल प्लानिंग नहीं। कोई रिसर्च नहीं। सिर्फ एक्सेस टु क्रेडिट। 

इनफॉर्मल सेक्टर नहीं ----- वो है स्माल बिजनेस सेक्टर। अर्थतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग जहाँ सबसे ज्यादा जॉब क्रिएशन होता है। सब काम पे लग जायेंगे। पटेल जाट agitation सब बंद। 

बल्कि थोड़ा मनरेगा का पैसा इधर डाइवर्ट कर दो। गड्ढा खोदने के बजाए लोग भेड़ बकरी भैंस पाले। कुखुरा पालन। सब्जी खेती। छोटा से छोटा रोजगार के लिए पैसा। सड़क पर जो hawking करते हो उसे लोन दो। किसान को लोन। जुत्ता पोलिश करता है उसे लोन। चाय दोकान वालों को विशेष जन धन प्रधान मंत्री योजना। 

Credit is lifeblood to the small business sector. The rest they can do pretty much on their own. मार्किट रिसर्च बगैरह खुद करते हैं वो। R&D सब कर लेते हैं। सरकार चाह कर भी मदत नहीं कर सकती। सरकार के लिए असंभव। Complexity बहुत है। 

Access to credit has to be thought of as infrastructure ------- top of the list. उससे ज्यादा महत्वपुर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर कोई है ही नहीं। बल्कि रोड बाद में बनाओ पहले एक्सेस तो क्रेडिट दो। 


Sunday, May 18, 2014

IE: Infrastructure + Entrepreneurship

English: Map of Bihar
English: Map of Bihar (Photo credit: Wikipedia)
Roads, Electricity, Broadband

Infrastructure is important, but it is not enough. And health and education are still infrastructure.

Roads are important. But don't forget electricity. And don't stop at electricity. Universal broadband allows you to complete globally.

But most important is to serve the entrepreneurs, big and small. Most jobs are created by small businesses. And the state has to go out of its way to serve the small business owners.

Nitish has done well by roads and bridges. He has even done well with schools and hospitals. But there needs to be a bigger emphasis on teachers. One sore eye on his record has been temporary teachers protesting at his public rallies. Those teachers have a point. Bihar needs more teachers, not just more roads and bridges.

Bihar needs more teachers and health care workers. Not only that, it needs to train more of both so as to be able to export them to other states and other countries.

But ultimately it is about creating jobs. And it is not for the state to create jobs. It is for entrepreneurs to do that. And there the key point is making available credit.
Enhanced by Zemanta